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लेखनी प्रतियोगिता -28-Nov-2022


मैं तो तेरे मन की आवाज हूँ
पर तुझसे थोड़ा नाराज हूँ

तू सबकी सुनता रहता है
मेरी कुछ भी सुनता ही नहीं
दुनिया के पीछे चलता है
इसलिए जरा नासाज हूँ
मैं तेरे मन की आवाज़ हूँ।

तेरा हिसाब मैं रखता हूँ
बीते कल की आते पल की
तू फिक्र नहीं मेरी करता
मैं तो तेरा हमराज हूँ
तेरे मन की आवाज़ हूँ।

मैं तुझको बहुत चाहता हूँ
तेरी खुशियों पर मरता हूँ
तू मेरी एक मोहब्बत है
मैं भी तो तेरा नाज हूँ
तेरे मन की आवाज हूँ।

मिल मुझसे कभी वक्त लेकर
मैं तुझको सुकूँ शांति दूंगा
कुछ वक्त रहेंगे साथ साथ
तू बात है मैं अल्फाज हूँ
तेरे मन की आवाज हूँ।



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5 Comments

Abhinav ji

29-Nov-2022 08:04 AM

Very nice👍

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बहुत ही सुंदर सृजन

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Khan

28-Nov-2022 08:32 PM

बहुत खूब 🌸👌

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